सागर जिले के एरण में उत्खनन की अनुमति, अतीत के कई राज़ोसे उठेगा पर्दा।
– सांसद राजबहादुर सिंह ने किया शुभारंभ
सागर। भारत के हजारों साल पुराने अतीत में झांकने के लिए पुरातत्व विभाग मध्यप्रदेश के सागर जिले के बीना में स्थित एरन नगरी में खुदाई करने का रहा है। गणतंत्र दिवस पर संसद राजबहादुर सिंह ने भूमिपूजन कर शुभारंभ किया है।

अभी तक मिले अभिलेखों में इस पर सबसे पहले समुद्रगुप्त के राज करने और इसे स्वभोग नगरी बनाने के बनाये जाने की बात मिलती है। 350-60 में यहां मंदिर बनवाया गया जयहाँ भगवान विष्णु की 14 फ़ीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई। समुद्रगुप्त के पसंदीदा एरिकिण शहर (वर्तमान में एरण) के पुरातात्विक महत्व के बारे में और अधिक जानकारी के लिए उत्खनन किया जाएगा । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) नागपुर की टीम को इसकी अनुमति मिल गई है । एरण सागर जिले की बीना तहसील में है । एएसआई की टीम यहां खुदाई शुरू करेगी । समुद्रगुप्त अपनी राजधानी पाटलीपुत्र से अक्सर यहां समय व्यतीत करने आया करते थे। बताया जाता है कि यहां उनकी एक रानी भी रहा करती थी। आज भी यहां कई मंदिर एवं पाषाण स्तंभ गौरवशाली अतीत को दर्शाते हैं ।

सांसद बोले एएसआई करेगी उत्खनन
वहीं सांसद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में एरण में पुराअवशेषों का विशाल संकलन है । एरण में मलबे के नीचे इतिहास की कई कड़ियों और रहस्यों के दबे होने की संभावना होने पर पुरातात्विक महत्त्व की चीजों की जानकारी के लिए उत्खनन का प्रस्ताव तैयार कराकर स्वीकृति के लिए एएसआई नागपुर को भेजा गया। स्वीकृति के बाद उत्खनन का कार्य एएसआई की टीम करेगी।

1700 साल पुराना सैर सपाटा मनोरंजन
संरक्षण सहायक राहुल तिवारी ने बताया कि समुद्रगुप्त के एरण अभिलेखों में लिखा हुआ है कि वे एरिणिक में स्वभोग (सैर- सपाटे, मनोरंजन) के लिए आते रहते थे । संभावना है कि समझ समुद्रगुप्त का वहीं नगर यहां मलबे में दबा हुआ है । खुदाई के दौरान उसके रहस्य सामने आ सकते हैं । प्रागैतिहासिक काल से लेकर गुप्त काल, मराठा काल का इस स्थान को लेकर जो इतिहास अभिलेखों में दर्ज है उसकी कड़ियां भी इससे जुड़ पाएंगे ।
