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भीम की गदा से हुआ था भीम कुंड का निर्माण, यहां से कई किलोमीटर के इलाके में अब भी ज़मीन के भीतर छिपे हैं कई रहस्य

तीन साल पुराने बोरवेल से निकली 100 फुट ऊंची फुहार। टुकड़े टुकड़े हुई सबमर्सिवर मोटर

सागर। जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बण्डा के उल्दन ग्राम में तीन साल पुराने बोरवेल से इतने वेग से पानी निकला की उसकी धार 100 फ़ीट तक पहुंची। कई घंटे तक इसी तरह पानी की धार निकलती रही।यहां के सरपंच धनीराम पटेल के बोरवेल से पानी की सैकड़ों फ़ीट ऊंची फुहार देखनेे बड़ी संख्या में लोग वहांं पहुुँचे।

भीम कुंड जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले करीब 70 किमी दूर बजना गांव में स्थित है

पानी का प्रेशर इतना तेज था की बोरवेल में डली सबमर्सिवर मोटर के टुकड़े हो गए। यहां बता दें कि यह वही क्षेत्र है जहां से कुछ किलोमीटर दूर पर भीम कुंड स्थित है। इस कुंड की गहराई का कोई अंदाज़ नहीं लगा सका है।

यहां सालों पहले डिस्कवरी चैनल की टीम के गौतखोर भी इस कुंड के तल तक नहीं पहुंच सके थे। वैज्ञानिक भी इस क्षेत्र में ज़मीन के नीचे की गुत्थी नहीं सुलझा सके हैं।

महाबली भीम काल्पनिक चित्र

यहां प्रचलित कथाओं में कहा जाता है कि अज्ञात वास के दौरान पांडव यहां से गुजरे थे। द्रोपदी को प्यास लगने पर भीम ने अपनी गदा से पहाड़ तोड़ प्रहार किया था। जिससे सैकड़ों फ़ीट गहरा गड्ढा हो गया था।

खबर लिखे जाने तक यह बोर पिछले 4 से 5 घंटे से लगातार इसी तरह पानी की तेज फुहार फेकता रहा।  यह बोर 3 साल पहले हुआ था तब भी यह नजारा देखने को मिला था। लेकिन बाद में पानी का वेग शांत हो गया था जिसके बाद उसे उपयोग में लिया जा रहा था। सोमवार सुबह अचानक यहां से यह तेज़ फव्वारा उफ़न पड़ा।

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