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गोपाल भार्गव ने लगाई विकास कार्यों की मांगों की झड़ी, मुख्यमंत्री बोले लिस्ट लंबी है आप जोजो मांग रहे हो सब देने की घोषणा करता हूँ – मोहन यादव

गोपाल भार्गव ने लगाई विकास कार्यों की मांगों की झड़ी, मुख्यमंत्री बोले लिस्ट लंबी है आप जोजो मांग रहे हो सब देने की घोषणा करता हूँ – मोहन यादव

– आज से यह क्षेत्र गोपाल भार्गव का नहीं बल्कि मोहन गोपाल का क्षेत्र कहलायेगा – अभिषेक भार्गव

मंथन संवाददाता सागर। दो सौ वर्ष से अधिक प्राचीन गढ़ाकोटा में आयोजित हो रहे रहस्य मेले में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहली बार शिरकत की। इसे बुंदेला शासक और गढ़ाकोटा रियासत के महाराजा मर्दन सिंह जूदेव के राज्याभिषेक की वर्षगांठ पर शुरू किया गया था। तब यह पशुमेला के रूप में विख्यात था। कालांतर में इस मेले की लोकप्रियता कम होती देख पूर्व मंत्री विधायक रहली गोपाल भार्गव द्वारा इसे संरक्षित किया गया। तब से यहां बुंदेली संस्कृति का भी संरक्षण किया जाता आ रहा है।  मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसान सम्मेलन में उनके समक्ष रखी हुई मांगों को पूरा करने की बात करते हुए कहा कि आप जोजो मांग रहे हो सब देने की घोषणा करता हूँ। सिंचाई, शिक्षा, विद्युतीकरण, सागर दमोह टू लें सब पूरा होगा लेकिन अभी तो एक ही साल हुआ है अगली बार बुलाओगे की नहीं बुलाओगे। उन्होंने कहा कि गोपालभार्गव जी के काम के बलबूते पर अंगद ने पैर गाड़ के विधानसभा में जनता का प्रेम हासिल किया है। यह अंगद का पैर है। आपकी विधानसभा में दोनों सांसद आ जाते हैं। बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह। युवा नेता ऊर्जा से सराबोर नेता अभिषेक जी कमाल हैं। आपके बीच आकर जो आनंद मिला आल्हा ऊदल के गजब दोहे हैं। यहां पत्थर उठाओ तो हीरा निकलता है और मर्दानगी में ऐसा कि दहाड़े तो बाघ पीछे हट जाए। यहां की वीरांगनाएं महारानी लक्ष्मी बारी रानी दुर्गावती। यहां की संस्कृति, यहां के राई बरेदी बधाई नृत्य। मेले का अर्थ है कि सारे मैल मिट जाएं और समाज के सभी लोगों का मेल हो जाय। आज सारे त्यौहार सरकार के द्वारा मनाए जातेंहैं। जब समाज आनंद में डूबता है तो सरकार कैसे अकेली खड़ी रह सकती है। इसी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिये जोरदार तालियां बजाएं। पिद्दी सा पाकिस्तान सिर उठाता था लेकिन जब से प्रधानमंत्री बने हैं घर में घुसकर मारने का रिकॉर्ड प्रधानमंत्री जी की सरकार ने बनाया। उन्होंने किसान सम्मान निधि प्रदान की है चिंता मत करना प्रदेश सरकार भी इसे जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ युवा मप्र में हैं इसलिए प्रदेश में उद्योगों की लाइन लगा रहा हूँ। सागर में इन्वेस्टर्स समिट मीट की और 23 हजार करोड़ के कारखाने लाने का संकल्प हुआ। इसके साथ ही साध्वी उमाभारती जी, शिवराज सिंह जी और मुख्यमंत्री जी के संकल्प के साथ केन बेतवा परियोजना आई है। आपसे अनुरोध है कितनी भी जरूरत पड़ जाए अपनी जमीन मत बेचना। नदी परमात्मा की कृपा है नदी से नदी जुड़ जाए तो हर ओर खुशहाली होगी। उद्योगों और जमीनों को पानी मिलेगी। राजस्थान और मप्र में 20 साल केस चल जब हम आये तो दोनों को ही पानी पहुंचा। केंद्र ने कहा कि पैसे की कमी नहीं आएगी। आज जो गोपाल जी ने बताया है जो क्षेत्र छूट रहे हैं वहां पानी पहुँचेगे।

7 लाख हेक्टयर कांग्रेस के समय सिंचाई होती थी लेकिन 20 साल में 48 लाख हेक्टयर में सिंचाई हो रही है। अब ताप्ती नदी जोड़ो योजना के बाद 1 करोड़ हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी। कांग्रेस में गैस कांड में अनदेखी की एंडरसन को भगाने के लिए हवाईजहाज दिए अब कह रहे हैं कि आप कचरा क्यों जला रहे हो तो हम कचरा नहीं आपके पाप जला रहे हैं।

राममंदिर के बाद जहां जहां भगवान कृष्ण के कदम पड़े हैं वहां मंदिर बनवाएंगे मप्र में भी। यह तो कुम्भ में दुपकि लगाने भी नहीं गए। हम किसी की निंदा नहीं करते लेकिन अपने धर्म को मानना चाहिए।

– रहली विधायक गोपाल भार्गव ने कहा कि 220 वर्ष जिसका ईयिहास हुआ है उसकेनिया 220 वे वर्ष के समारोह में किसान सम्मेलन के पर्व पर यशस्वी, मिलनसार, सादाजीवन जीने वाले मोहन्यादव जी का स्वागत करता हूँ। 1990 में पटवा जी ने कहा था कि गोपाल तुम्हारे यहां कोई रहस मेला लगता है। मैन कहा मुझे जानकारी है तब पटवा जी ने इसे आगे बढ़ाने को कहा तब से आज तक 35 वर्षों से मेरा इस मेले के प्रति समर्पण रहा है। अब हम इन मेलों को इतना मॉडर्न बना लें कि लोगों को इसका लाभ मिले।भाजपा सरकार ने विपन्नता झेल रहे बुंदेलखंड को सशक्त रूप दिया। यह वह विधानसभा है रहली विधानसभा जिसने भाजपा का कभी नहीं छोड़ा। जब 330 सीटें हुआ करती थीं उनमें से 20 से 25 सीटें आती थीं तब यह सीट जीतती आ रही है। जब देश में लोकसभा की दो सीटें होती थी तब भी यह सीट जीतती आई है। इसलिए इस क्षेत्र में काम किये जायें। कहते ही सड़क, शिक्षा, नदी जोड़ो, सिंचाई, रोजगार अहित रहस मेले को मजबूती देने की मांग रखी। साथ ही रुंधे गले से कहा कि मैं रहूं या न रहूं ये मेला रहना चाहिए।

 

– अभिषेक भार्गव ने स्वागत भाषण में कहा कि पहले यह क्षेत्र गोपाल की नगरी कहता था अब मोहन और गोपाल का क्षेत्र दो घंटे भीतर माननीय मुख्यमंत्री ने जिले के सारे बड़े अधिकारी यहां से हटा दिया और साबित किया कि गरीब की जान हो या अमीर की  रीवा में कुम्भ जा रहे श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था करवाई थी। उन्होंने कहा कि किले की दीवार के पास लगे बेरी के पेड़ से बेर तोड़ने लगा और वह पत्थर उद्यान में बैठे महाराज मर्दन सिंह जूदेव को लग गया। इसपर जब सैनिकों ने उसे व्यक्ति को पकड़ लिया और मौत की सजा देने की तैयारी हो गयी। तब महाराज ने उसका पक्ष सुना तब मालूम हुआ कि भूख मिटाने के लिए उठाने ऐसा किया है। इसलिये महाराज ने कहा कि तुमने क्या मुझे बेरी के पेड़ से भी कम समझ लिया है। उस पेड़ को पत्थर लगता तो भोजन देता महाराज ने उस व्यक्ति को भोजन खिलाया और अन्नदान की योजना चलाई गई। इसीलिए उन्हें जनप्रिय राजा कहा जाता है। म से माँ म से मोहन और म से मर्दन सिंह होता है इसलिए आज से रहली और गढ़ाकोटा क्षेत्र गोपाल भार्गव का नहीं बल्कि मोहन गोपाल का क्षेत्र कहलायेगा।

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